10 हिंदी शायरियाँ | Top 10 Hindi shayari

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कहानी: रमेश और सीता की अधूरी मोहब्बत
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
प्रस्तावना
पहाड़ों के बीच बसा एक शांत और सुंदर गांव जहाँ हर सुबह सूरज की किरणें देवदार के पेड़ों से टकराकर रमेश की खिड़की पर दस्तक देती थीं। रमेश एक साधारण लेकिन दिल का साफ नौजवान था। वह अपने गांव के स्कूल में शिक्षक था। वहीं, सीता – एक खूबसूरत, शांत स्वभाव वाली लड़की – अपने चाचा के घर पढ़ाई करने आई थी।
❤️ पहली मुलाकात
सीता पहली बार स्कूल आई थी, और रमेश ही उसका गणित का शिक्षक निकला। दोनों की पहली बातचीत बहुत ही औपचारिक थी, लेकिन सीता की आंखों में एक अलग सी चमक थी, और रमेश को उसकी मुस्कान बहुत भा गई।
समय बीतता गया और धीरे-धीरे उनकी बातचीत बढ़ने लगी। स्कूल से बाहर भी सीता और रमेश अकसर गांव के पुस्तकालय में मिलते। सीता को किताबों से प्रेम था और रमेश को उसकी बातें सुनना अच्छा लगता था।
छुपा हुआ प्यार
रमेश को सीता से प्यार हो गया था, लेकिन वह अपनी हैसियत को देख कर कभी बोल नहीं पाया। वहीं, सीता भी रमेश की सादगी और ईमानदारी की कायल थी, लेकिन वह भी कभी अपने जज़्बात ज़ाहिर नहीं कर पाई।
एक दिन रमेश ने ठान लिया कि अब वह अपने दिल की बात सीता से कहेगा। वह जंगल के किनारे उस पुराने पुल के पास गया, जहाँ अक्सर सीता बैठा करती थी। लेकिन उस दिन सीता नहीं आई...
💔 सीता की विदाई
शाम को खबर मिली कि सीता अपने गांव लौट गई है। उसका रिश्ता कहीं और तय कर दिया गया था। रमेश टूट गया... उसने कभी अपने जज़्बात नहीं जताए, इसलिए सीता भी सोचती रही कि रमेश ने कभी उसे चाहा ही नहीं।
रमेश ने सीता के लिए एक चिट्ठी लिखी — जिसमें उसका हर जज़्बा था, हर वो बात जो वह कभी कह न सका। लेकिन वह चिट्ठी कभी भेजी नहीं गई...
समाप्ति – अधूरी मोहब्बत
आज भी रमेश उसी पुल पर बैठकर सीता की यादों को संजोता है। सीता किसी और की हो गई, लेकिन रमेश आज भी उसी प्यार में जी रहा है।
कुछ प्रेम कहानियां मुकम्मल नहीं हो
तीं... लेकिन वो अधूरी रहकर भी अमर हो जाती हैं।
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