10 हिंदी शायरियाँ | Top 10 Hindi shayari

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गांव का ज्ञानी: एक साधु की प्रेरणादायक कहानी
कहानी की शुरुआत:
असम के एक छोटे से गांव "हरिपुर" में एक साधारण सा बुज़ुर्ग व्यक्ति रहता था – नाम था ग़्यानी बाबा। उनका असली नाम कोई नहीं जानता था, लेकिन पूरा गांव उन्हें "ज्ञानी" कहकर बुलाता था। वे न तो बहुत पढ़े-लिखे थे, न शहरों की दौड़ में शामिल, लेकिन जीवन के अनुभवों से उन्होंने ऐसी समझ पाई थी कि लोग उनकी सलाह लेने दूर-दूर से आते थे।
गांव में आदर क्यों था?
ग्यानी बाबा हमेशा पेड़ के नीचे बैठते, और जो भी उनके पास आता, वे उसे ध्यान से सुनते। वे कभी किसी से ऊँची आवाज़ में बात नहीं करते थे। किसानों की खेती हो या बच्चों की पढ़ाई, युवाओं का भविष्य हो या वृद्धों की बीमारी – हर समस्या का समाधान उनके पास होता।
उनकी खासियत थी – कम बोलना, लेकिन सही बोलना।
गौशाला और गउमाता की सेवा:
गांव में एक छोटी सी गौशाला थी, जहां कुछ बूढ़ी और बीमार गायें थीं। कोई उनकी देखभाल नहीं करता था। लेकिन ग्यानी बाबा हर सुबह सबसे पहले वहीं जाते – उन्हें चारा डालते, साफ-सफाई करते और दवा भी लाते।
गांववालों ने देखा कि जो गायें मरने की हालत में थीं, वो धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगीं। लोगों को समझ आया कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं। और धीरे-धीरे गांव के युवा भी उनके साथ गायों की सेवा करने लगे।
ग्यानी बाबा की सीखें (Gyani ki Seekh):
1. "गाय केवल जानवर नहीं, संस्कृति की आत्मा है।"
2. "पैसे से पहले सेवा को महत्व दो, सुख अपने आप आएगा।"
3. "अगर हर घर एक गाय की सेवा करे, तो गांव में कभी भूख नहीं रहेगी।"
4. "ज्ञान पढ़ाई से नहीं, समझ से आता है।"
एक दिन की बात:
एक बार गांव में पानी की भारी कमी हो गई। लोग परेशान थे। सरकारी मदद भी नहीं मिल रही थी। तब ग्यानी बाबा ने गांव के बुजुर्गों और युवाओं को इकट्ठा किया और कहा:
अगर हम मिलकर पुराने तालाब की सफाई करें, तो पानी रुक सकता है।"
पहले किसी को यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब बाबा खुद कुदाल लेकर खुदाई करने लगे, तो पूरा गांव उनके साथ हो गया। कुछ ही दिनों में तालाब फिर से भरने लगा।
अंत नहीं, शुरुआत:
ग्यानी बाबा अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी सीखें आज भी गांव में जीवित हैं। गांव में अब एक बोर्ड
लगा है:
"जहां ज्ञान है, वहां समाधान है – ग्यानी बाबा"
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